हिंदू धर्म में कितने नक्षत्र हैं?

हम 27 नक्षत्रों के शासक ग्रहों के साथ-साथ उनके दिव्य रक्षकों और प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व और मौलिक लक्षणों का अध्ययन करके उनके संपूर्ण विवरण की जांच करेंगे।
1. अश्विनी:
अर्थ: घुड़सवार
शासक ग्रह: केतु
देवता: अश्विन (दिव्य चिकित्सक)
प्रतीक: घोड़े का सिर
विशेषताएँ: उपचार, जीवन शक्ति, तेज़ी, अनुकूलनशीलता
2. भरणी:
अर्थ: वाहक
शासक ग्रह: शुक्र
देवता: यम (मृत्यु और धर्म के देवता)
प्रतीक: योनि (प्रजनन का महिला अंग)
विशेषताएँ: प्रजनन क्षमता, धीरज, तीव्रता, परिवर्तन
3. कृत्तिका:
अर्थ: काटना
शासक ग्रह: सूर्य
देवता: अग्नि (अग्नि के देवता)
प्रतीक: चाकू या भाला
विशेषताएँ: जुनून, रचनात्मकता, साहस, शुद्धि
4. रोहिणी:
अर्थ: लाल
शासक ग्रह: चंद्रमा
देवता: ब्रह्मा ( निर्माता)
प्रतीक: गाड़ी, मंदिर, बरगद का पेड़
विशेषताएँ: सुंदरता, प्रचुरता, पोषण, समृद्धि
5. मृगशिरा (मृगशीर्ष):
अर्थ: हिरण का सिर
शासक ग्रह: मंगल
देवता: सोम (चंद्र देवता)
प्रतीक: हिरण का सिर
विशेषताएँ: संवेदनशीलता, अनुग्रह, कलात्मकता, आत्मनिरीक्षण
6. आर्द्रा (आर्द्रा):
अर्थ: नम
शासक ग्रह: राहु
देवता: रुद्र (शिव का उग्र रूप)
प्रतीक: अश्रु, हीरा, मानव सिर
इस तारे की विशेषताओं में तीव्र भावनाओं के साथ-साथ उपचार प्रक्रियाएँ और साथ ही परिवर्तनकारी शक्ति के साथ रहस्यमय गुण शामिल हैं।
7. पुनर्वसु:
अर्थ: प्रकाश की वापसी
शासक ग्रह: बृहस्पति
देवता: अदिति (देवताओं की माता)
प्रतीक: धनुष और तरकश
विशेषताएँ: बहुतायत, समृद्धि, उदारता, ज्ञान
8. पुष्य:
अर्थ: पोषणकर्ता
शासक ग्रह: शनि
देवता: बृहस्पति (देवताओं के पुजारी)
प्रतीक: गाय का थन, कमल, बाण और चक्र
विशेषताएँ: पोषण, वृद्धि, बहुतायत, पूर्ति
9. आश्लेषा:
अर्थ: आलिंगन
शासक ग्रह: बुध
देवता: नाग (दिव्य नाग)
प्रतीक: सर्प
विशेषताएँ: परिवर्तन, उपचार, रहस्य, अंतर्ज्ञान
10. मघा:
अर्थ: शक्तिशाली
शासक ग्रह: केतु
देवता: पितर (पूर्वज)
प्रतीक: राजसिंहासन
विशेषताएँ: नेतृत्व, शक्ति, अधिकार, कुलीनता
11. पूर्वा फाल्गुनी (पूर्व फाल्गुनी):
अर्थ: पहला लाल रंग वाला
शासक ग्रह: शुक्र
देवता: भग (वैवाहिक सुख का देवता)
प्रतीक: बिस्तर के अगले पैर, झूला, अंजीर का पेड़
विशेषताएँ: प्रेम, सौंदर्य, रचनात्मकता, आनंद
12. उत्तरा फाल्गुनी:
अर्थ: दूसरा लाल रंग
शासक ग्रह: सूर्य
देवता: आर्यमन (संरक्षण के देवता)
प्रतीक: चार पैर वाला बिस्तर, झूला
विशेषताएँ: समृद्धि, उदारता, नेतृत्व, सफलता
13. हस्त:
अर्थ: हाथ
शासक ग्रह: चंद्रमा
देवता: सविता (सूर्य देवता)
प्रतीक: हाथ या मुट्ठी
विशेषताएँ: कौशल, कलात्मकता, रचनात्मकता, संचार
14. चित्रा:
अर्थ: उज्ज्वल
शासक ग्रह: मंगल
देवता: त्वष्टार (आकाशीय वास्तुकार)
प्रतीक: चमकीला रत्न या मोती
विशेषताएँ: सौंदर्य, कलात्मकता, व्यक्तित्व, करिश्मा
15. स्वाति:
अर्थ: स्वतंत्र
शासक ग्रह: राहु
देवता: वायु (पवन देवता)
प्रतीक: पौधे की टहनी, मूंगा
विशेषताएँ: स्वतंत्रता, स्वाधीनता, अंतर्ज्ञान, आध्यात्मिकता
16. विशाखा (विशाखा):
अर्थ: काँटेदार
शासक ग्रह: बृहस्पति
देवता: इंद्र और अग्नि
प्रतीक: प्रवेश द्वार, तम्बू
विशेषताएँ: परिवर्तन, द्वंद्व, संतुलन, नेतृत्व
17. अनुराधा (अनुराधा):
अर्थ: अनुसरण करने वाला
शासक ग्रह: शनि
देवता: मित्र (दोस्ती के देवता)
प्रतीक: कमल, तीर
विशेषताएँ: भक्ति, सेवा, करुणा, विनम्रता
18. ज्येष्ठा (ज्येष्ठा):
अर्थ: सबसे बड़ा
शासक ग्रह: बुध
देवता: इंद्र
प्रतीक: एक मकड़ी, एक सर्प
विशेषताएँ: शक्ति, परिवर्तन, तीव्रता, रहस्य
19. मूला (मूला):
अर्थ: जड़
शासक ग्रह: केतु
देवता: निरति (विनाश की देवी)
प्रतीक: बरगद का पेड़, हाथी की सूंड
प्रकृति इन गुणों को उन लोगों को प्रदान करती है जो अंतिम चरणों के दौरान परिवर्तन और मुक्ति से गुज़र रहे होते हैं, जिससे नई शुरुआत होती है।
20. पूर्वाषाढ़ा:
अर्थ: प्रथम अजेय
शासक ग्रह: शुक्र
देवता: अपाह (जल)
प्रतीक: हाथी के दाँत
विशेषताएँ: बहुतायत, समृद्धि, उदारता, उपचार
21. उत्तराषाढ़ा:
अर्थ: दूसरा अजेय
शासक ग्रह: सूर्य
देवता: विष्णु
प्रतीक: हाथी का सिर
विशेषताएँ: शक्ति, साहस, सुरक्षा, नेतृत्व
22. श्रवण:
अर्थ: सुनना
शासक ग्रह: चंद्रमा
देवता: विष्णु
प्रतीक: कान, ढोल
विशेषताएँ: संवेदनशीलता, अंतर्ज्ञान, करुणा, भक्ति
23. धनिष्ठा:
अर्थ: सबसे अमीर
शासक ग्रह: मंगल
देवता: वसु (तत्वों के देवता)
प्रतीक: ड्रम, वीणा
विशेषताएँ: संगीत, कला, रचनात्मकता, अभिव्यक्ति
24. शतभिषक:
अर्थ: सौ चिकित्सक
शासक ग्रह: राहु
देवता: वरुण (महासागरों के देवता)
प्रतीक: वृत्त, ढोल
विशेषताएँ: उपचार, कायाकल्प, परिवर्तन, आध्यात्मिकता
25. पूर्व भाद्रपद (पूर्व भाद्रपद):
अर्थ: पहला भाग्यशाली पैर
शासक ग्रह: बृहस्पति
देवता: अज एकपद (एक पैर वाला बकरा)
प्रतीक: मानव पैर
विशेषताएँ: यात्रा, रोमांच, अन्वेषण, स्वतंत्रता
26. उत्तर भाद्रपद (उत्तर भाद्रपद):
अर्थ: दूसरा भाग्यशाली पैर
शासक ग्रह: शनि
देवता: अहिर्बुध्न्य (एक सर्प देवता)
प्रतीक: मानव पैर
विशेषताएँ: स्थिरता, जमीन से जुड़े रहना, जिम्मेदारी, ज्ञान
27. रेवती (रेवती):
अर्थ: धनवान
शासक ग्रह: बुध
देवता: पूषन (पशुओं और पोषण के देवता)
प्रतीक: मछली, मूंगा
विशेषताएँ: सौंदर्य, अनुग्रह, प्रचुरता, समृद्धि