श्री रामदास नवमी एवं 22 फरवरी 2025 का पंचांग

हिंदू पंचांग में हर दिन का विशेष महत्व होता है। 22 फरवरी 2025 को श्री रामदास नवमी का पर्व मनाया जाएगा, जो संत रामदास स्वामी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा, इस दिन कई महत्वपूर्ण ज्योतिषीय संयोग भी बन रहे हैं। इस लेख में हम 22 फरवरी 2025 के पंचांग की विस्तृत जानकारी साझा करेंगे, जिससे आप अपने दिन की योजना सही तरीके से बना सकें।
22 फरवरी 2025 का पंचांग
विक्रम संवत और शक संवत
- विक्रम संवत – 2081 (पिंगल)
- शक संवत – 1946 (क्रोधी)
- पूर्णिमांत माह – फाल्गुन
- अमांत माह – माघ
तिथि एवं करण
तिथि
- कृष्ण पक्ष नवमी – 21 फरवरी 11:58 AM से 22 फरवरी 01:19 PM तक
- कृष्ण पक्ष दशमी – 22 फरवरी 01:19 PM से 23 फरवरी 01:56 PM तक
करण
- गर – 22 फरवरी 12:44 AM से 22 फरवरी 01:19 PM तक
- वणिज – 22 फरवरी 01:19 PM से 23 फरवरी 01:43 AM तक
- विष्टि (भद्रा) – 23 फरवरी 01:44 AM से 23 फरवरी 01:56 PM तक
नक्षत्र एवं योग
नक्षत्र
- ज्येष्ठा – 21 फरवरी 03:53 PM से 22 फरवरी 05:40 PM तक
- मूल – 22 फरवरी 05:40 PM से 23 फरवरी 06:42 PM तक
गण्डमूल नक्षत्र
- ज्येष्ठा नक्षत्र – 21 फरवरी 03:53 PM से 22 फरवरी 05:40 PM तक
- मूल नक्षत्र – 22 फरवरी 05:40 PM से 23 फरवरी 06:42 PM तक
इस दौरान जन्मे बच्चों के लिए विशेष पूजा की सलाह दी जाती है।
योग
- हर्षण योग – 21 फरवरी 11:58 AM से 22 फरवरी 11:55 AM तक
- वज्र योग – 22 फरवरी 11:55 AM से 23 फरवरी 11:18 AM तक
वार एवं शुभ-अशुभ समय
वार
- शनिवार
अशुभ काल
- राहु काल – 09:49 AM से 11:14 AM
- यम गण्ड काल – 02:05 PM से 03:31 PM
- कुलिक काल – 06:57 AM से 08:23 AM
- दुर्मुहूर्त – 08:29 AM से 09:14 AM
- वर्ज्यम् – 02:01 AM से 03:41 AM
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त – 12:17 PM से 01:03 PM
- अमृत काल – 08:12 AM से 09:56 AM
- ब्रह्म मुहूर्त – 05:21 AM से 06:09 AM
श्री रामदास नवमी का महत्व
22 फरवरी 2025 को श्री रामदास नवमी का पर्व मनाया जाएगा। यह संत रामदास स्वामी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। वे महान संत, समाज सुधारक और छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु थे। उनके विचारों ने मराठा साम्राज्य को मजबूती दी थी।
श्री रामदास नवमी पूजन विधि
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान राम और संत रामदास स्वामी की पूजा करें।
- “जय जय रघुवीर समर्थ” मंत्र का जाप करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न दान करें।
- इस दिन विशेष रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
ग्रह स्थिति एवं राशि फल
- सूर्य राशि – कुंभ
- चंद्रमा राशि – 22 फरवरी 05:40 PM तक वृश्चिक, उसके बाद धनु राशि में प्रवेश करेगा।
चंद्र अष्टम और प्रभावी राशियाँ
चंद्र अष्टम नक्षत्र के अनुसार अश्विनी, भरणी और कृतिका प्रथम चरण के जातकों को इस दिन विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
शुभ योग एवं संयोग
- सर्वार्थसिद्धि योग – 23 फरवरी 06:57 AM से 23 फरवरी 06:42 PM तक (मूल नक्षत्र और रविवार का संयोग)
इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। यह नए कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम समय है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें – इस दिन शनिदेव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। तेल और तिल का दान करना शुभ माना जाता है।
गंडमूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के लिए विशेष पूजा आवश्यक – ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र माने जाते हैं। इस दिन इन नक्षत्रों में जन्म लेने वालों के लिए पूजा करानी चाहिए।
संत रामदास स्वामी के विचारों को आत्मसात करें – उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाजसेवा और भक्ति मार्ग अपनाएं।
निष्कर्ष
22 फरवरी 2025 का दिन पंचांग के अनुसार कई महत्वपूर्ण संयोगों से युक्त है। श्री रामदास नवमी का पर्व मनाने के साथ-साथ इस दिन शनिदेव की पूजा करना भी शुभ रहेगा। साथ ही, सर्वार्थसिद्धि योग और शुभ मुहूर्तों का लाभ उठाकर अपने कार्यों को संपन्न करें।
आपका दिन मंगलमय हो! ॐ नमः शिवाय