स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती एवं 23 फरवरी 2025 का पंचांग

स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती एवं 23 फरवरी 2025 का पंचांग

स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती एवं 23 फरवरी 2025 का पंचांग

स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती एवं 23 फरवरी 2025 का पंचांग

23 फरवरी 2025 का पंचांग

23 फरवरी 2025 को स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती मनाई जाएगी, जो भारतीय समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की स्मृति में मनाई जाती है। इस दिन कई महत्वपूर्ण ज्योतिषीय संयोग भी बन रहे हैं। इस लेख में हम 23 फरवरी 2025 के पंचांग की विस्तृत जानकारी साझा करेंगे, जिससे आप अपने दिन की योजना सही तरीके से बना सकें।

पंचांग 23 फरवरी 2025 का

विक्रम संवत और शक संवत

विक्रम संवत – 2081 (पिंगल)

शक संवत – 1946 (क्रोधी)

पूर्णिमांत माह – फाल्गुन

अमांत माह – माघ

तिथि एवं करण

तिथि

कृष्ण पक्ष दशमी – 22 फरवरी 01:19 PM से 23 फरवरी 01:56 PM तक

कृष्ण पक्ष एकादशी – 23 फरवरी 01:56 PM से 24 फरवरी 01:45 PM तक

करण

विष्टि (भद्रा) – 23 फरवरी 01:44 AM से 23 फरवरी 01:56 PM तक

बव – 23 फरवरी 01:56 PM से 24 फरवरी 01:56 AM तक

बालव – 24 फरवरी 01:56 AM से 24 फरवरी 01:45 PM तक

नक्षत्र एवं योग

नक्षत्र

मूल – 22 फरवरी 05:40 PM से 23 फरवरी 06:42 PM तक

पूर्वाषाढ़ा – 23 फरवरी 06:42 PM से 24 फरवरी 06:59 PM तक

गण्डमूल नक्षत्र

मूल नक्षत्र – 22 फरवरी 05:40 PM से 23 फरवरी 06:42 PM तक
इस दौरान जन्मे बच्चों के लिए विशेष पूजा की सलाह दी जाती है।

योग

वज्र योग – 22 फरवरी 11:55 AM से 23 फरवरी 11:18 AM तक

सिद्धि योग – 23 फरवरी 11:18 AM से 24 फरवरी 10:05 AM तक

वार एवं शुभ-अशुभ समय

वार

रविवार

अशुभ काल

राहु काल – 04:57 PM से 06:23 PM

यम गण्ड काल – 12:40 PM से 02:05 PM

कुलिक काल – 03:31 PM से 04:57 PM

दुर्मुहूर्त – 04:51 PM से 05:37 PM

वर्ज्यम् – 05:02 PM से 06:42 PM, 04:24 AM से 06:01 AM

शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त – 12:17 PM से 01:03 PM

अमृत काल – 12:18 PM से 01:58 PM

ब्रह्म मुहूर्त – 05:20 AM से 06:08 AM

स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती का महत्व

23 फरवरी को स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती मनाई जाती है। उन्होंने हिंदू समाज में सुधार लाने के लिए आर्य समाज की स्थापना की और “वेदों की ओर लौटो” का संदेश दिया। उनका जीवन सत्य, समाज सुधार और धर्म की शुद्धता के लिए समर्पित था।

स्वामी दयानंद सरस्वती की प्रमुख शिक्षाएँ

✔ वेदों का अनुसरण – उन्होंने हिंदू धर्म को वेदों पर आधारित करने का आग्रह किया।
✔ सती प्रथा और बाल विवाह के विरोधी – उन्होंने इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाया।
✔ नारी शिक्षा और समानता – उन्होंने महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया।
✔ राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता संग्राम – उनके विचारों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भी प्रेरित किया।

स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती पर विशेष कार्य

  1. यज्ञ और हवन करें – स्वच्छ पर्यावरण और आत्मशुद्धि के लिए।
  2. दयानंद सरस्वती के ग्रंथों का अध्ययन करें – सत्यार्थ प्रकाश का पाठ करें।
  3. गायत्री मंत्र का जाप करें – यह आत्मिक उन्नति के लिए शुभ होता है।
  4. समाज सेवा करें – दान, शिक्षा और धर्म प्रचार करें।

ग्रह स्थिति एवं राशि फल

  • सूर्य राशि – कुंभ
  • चंद्रमा राशि – धनु राशि में संचार करेगा।

चंद्र अष्टम और प्रभावी राशियाँ

चंद्र अष्टम नक्षत्र के अनुसार कृतिका अंतिम तीन चरण, रोहिणी और मृगशिरा के पहले दो चरणों के जातकों को इस दिन विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

शुभ योग एवं संयोग

सर्वार्थसिद्धि योग – 23 फरवरी 06:57 AM से 23 फरवरी 06:42 PM तक (मूल नक्षत्र और रविवार का संयोग)

इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। यह नए कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम समय है।

अन्य महत्वपूर्ण बातें

रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करें – इस दिन सूर्य उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है। जल अर्पण और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

गंडमूल नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए विशेष पूजा आवश्यक – मूल नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र माना जाता है। इस दिन इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए पूजा करानी चाहिए।

स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों को अपनाएं – उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाजसेवा, शिक्षा और वैदिक धर्म का प्रचार करें।

निष्कर्ष

23 फरवरी 2025 का दिन पंचांग के अनुसार कई महत्वपूर्ण संयोगों से युक्त है। स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती का पर्व मनाने के साथ-साथ इस दिन सूर्य उपासना करना भी शुभ रहेगा। साथ ही, सर्वार्थसिद्धि योग और शुभ मुहूर्तों का लाभ उठाकर अपने कार्यों को संपन्न करें।

आपका दिन मंगलमय हो! ॐ नमः शिवाय 🙏


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