विक्रम संवत 2081: दिनांक 27 फरवरी 2025 पंचांग विवरण

पंचांग 27 फरवरी 2025, गुरुवार
भारतीय पंचांग के अनुसार, 27 फरवरी 2025, गुरुवार के दिन का विस्तृत ज्योतिषीय और धार्मिक विवरण निम्नलिखित है। इस दिन के शुभ और अशुभ योगों के आधार पर अपने दिनचर्या और धार्मिक अनुष्ठान की योजना बनाएं।
पंचांग विवरण
विक्रम संवत – 2081, पिंगल
शक संवत – 1946, क्रोधी
पूर्णिमांत माह – फाल्गुन
अमांत माह – माघ
तिथि (कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष)
चतुर्दशी – 26 फरवरी 11:08 AM से 27 फरवरी 08:54 AM तक
अमावस्या (तिथि क्षय) – 27 फरवरी 08:54 AM से 28 फरवरी 06:14 AM तक
शुक्ल पक्ष प्रतिपदा – 28 फरवरी 06:14 AM से 01 मार्च 03:16 AM तक
नक्षत्र
धनिष्ठा – 26 फरवरी 05:23 PM से 27 फरवरी 03:43 PM तक
शतभिषा – 27 फरवरी 03:43 PM से 28 फरवरी 01:40 PM तक
करण
शकुनि – 26 फरवरी 10:05 PM से 27 फरवरी 08:55 AM तक
चतुष्पद – 27 फरवरी 08:55 AM से 07:37 PM तक
नाग – 27 फरवरी 07:37 PM से 28 फरवरी 06:14 AM तक
किंस्तुघ्न – 28 फरवरी 06:14 AM से 04:47 PM तक
योग
शिव – 27 फरवरी 02:57 AM से 11:40 PM तक
सिद्ध – 27 फरवरी 11:40 PM से 28 फरवरी 08:07 PM तक
वार
गुरुवार
त्यौहार और व्रत
अमावस्या
सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय – 06:53 AM
सूर्यास्त – 06:25 PM
चन्द्रोदय – 27 फरवरी 06:20 AM
चन्द्रास्त – 27 फरवरी 05:53 PM
अशुभ काल (इस समय महत्वपूर्ण कार्य करने से बचें)
राहु काल – 02:05 PM – 03:32 PM
यम गण्ड – 06:53 AM – 08:20 AM
गुलिक काल – 09:46 AM – 11:13 AM
दुर्मुहूर्त – 10:44 AM – 11:30 AM, 03:20 PM – 04:06 PM
वर्ज्यम् – 10:18 PM – 11:46 PM
शुभ मुहूर्त (महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शुभ समय)
अभिजीत मुहूर्त – 12:16 PM – 01:02 PM
अमृत काल – 06:02 AM – 07:31 AM
ब्रह्म मुहूर्त – 05:16 AM – 06:04 AM
आनन्दादि योग
श्रीवत्स – 03:43 PM तक
वज्र
ग्रह स्थिति
सूर्य राशि – कुंभ (Aquarius)
चंद्र राशि – कुंभ (Aquarius)
वैदिक ऋतु – शिशिर (शीत ऋतु)
द्रिक ऋतु – वसंत (बसंत ऋतु)
विशेष योग और चंद्राष्टम
चंद्राष्टम – पुनर्वसु नक्षत्र का अंतिम 1 चरण, पुष्य, अश्लेषा नक्षत्र के जातकों के लिए विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
27 फरवरी 2025 को अमावस्या का विशेष योग होने के कारण यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगा। शिव और सिद्ध योग के प्रभाव से इस दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य और साधना करने से अत्यधिक लाभ मिलेगा। शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों में सफलता मिलेगी, वहीं अशुभ काल में महत्वपूर्ण कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
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