14 मार्च 2025 होली 2025: रंगों का पर्व और पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग 14 मार्च 2025 शुक्रवार
होली का त्योहार भारत में सबसे ज्यादा उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व रंगों, प्रेम और उल्लास का प्रतीक है, जो हमें सामाजिक बंधनों से परे जाकर सभी के साथ खुशियाँ बांटने का अवसर देता है।
इस लेख में हम आपको 14 मार्च 2025 (फाल्गुन पूर्णिमा) को मनाई जाने वाली होली से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, पंचांग, शुभ मुहूर्त और अन्य व्रत-त्योहारों के बारे में बताएंगे।
विक्रम संवत और शक संवत
- विक्रम संवत: 2081, पिंगल
- शक संवत: 1946, क्रोधी
- पूर्णिमांत मास: फाल्गुन
- अमांत मास: फाल्गुन
तिथि एवं शुभ समय
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा: 13 मार्च, 10:36 AM से 14 मार्च, 12:24 PM तक
कृष्ण पक्ष प्रतिपदा: 14 मार्च, 12:24 PM से 15 मार्च, 02:33 PM तक
नक्षत्र और करण
नक्षत्र:
- उत्तर फाल्गुनी – 14 मार्च, 06:19 AM से 15 मार्च, 08:54 AM तक
करण:
- बव – 13 मार्च, 11:27 PM से 14 मार्च, 12:24 PM तक
- बालव – 14 मार्च, 12:24 PM से 15 मार्च, 01:26 AM तक
- कौलव – 15 मार्च, 01:26 AM से 15 मार्च, 02:33 PM तक
योग
शूल योग – 13 मार्च, 01:02 PM से 14 मार्च, 01:23 PM तक
गण्ड योग – 14 मार्च, 01:23 PM से 15 मार्च, 01:59 PM तक
प्रमुख व्रत एवं त्योहार
होली (रंगों का त्योहार) – 14 मार्च 2025
पूर्णिमा व्रत
चैतन्य महाप्रभु जयंती
मीन संक्रांति
सूर्य और चंद्रमा की स्थिति
सूर्योदय: 06:40 AM
सूर्यास्त: 06:31 PM
चंद्रोदय: 14 मार्च, 06:44 PM
चंद्रास्त: 15 मार्च, 07:03 AM
अशुभ काल (इन समयों में शुभ कार्य न करें)
राहु काल: 11:07 AM – 12:36 PM
यम गण्ड: 03:33 PM – 05:02 PM
गुलिक काल: 08:09 AM – 09:38 AM
दुर्मुहूर्त: 09:02 AM – 09:50 AM, 12:59 PM – 01:47 PM
वर्ज्यम्: 02:17 PM – 04:03 PM
शुभ मुहूर्त (सकारात्मक कार्यों के लिए उत्तम समय)
अभिजीत मुहूर्त: 12:12 PM – 12:59 PM
अमृत काल: 12:54 AM – 02:40 AM
ब्रह्म मुहूर्त: 05:03 AM – 05:51 AM
सूर्य और चंद्र राशि परिवर्तन
- सूर्य: 14 मार्च, 06:50 PM तक कुंभ राशि, उसके बाद मीन राशि में प्रवेश
- चंद्रमा: 14 मार्च, 12:56 PM तक सिंह राशि, फिर कन्या राशि में प्रवेश
होली का शुभ मुहूर्त
होली मुख्यतः फाल्गुन पूर्णिमा को मनाई जाती है और इस दिन होलिका दहन किया जाता है।
होलिका दहन का शुभ समय:
रात का समय (स्थानीय पंचांग के अनुसार तय किया जाएगा)
होलिका दहन के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी और दुष्ट होलिका का अंत हुआ था।
होली: प्रेम, भाईचारे और रंगों का त्योहार
14 मार्च 2025 को रंगों की होली खेली जाएगी, जिसे धुलेंडी, धुरड्डी, धुरखेल और रंग पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन सभी लोग अपने मित्रों और परिवारजनों के साथ रंग, अबीर-गुलाल से होली खेलते हैं।
घरों में विशेष पकवान जैसे गुजिया, ठंडाई, पापड़, दही बड़े और मालपुए बनाए जाते हैं।
यह त्योहार आपसी भाईचारे और प्रेम को बढ़ावा देने का भी संदेश देता है।
इस होली क्या करें और क्या न करें?
क्या करें?
सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें।
होलिका दहन में पुराने नकारात्मक विचारों और बुरी आदतों को त्यागने का संकल्प लें।
परिवार और दोस्तों के साथ हंसी-खुशी त्योहार मनाएं।
प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें, ताकि त्वचा और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
क्या न करें?
किसी के ऊपर जबरदस्ती रंग न डालें।
नशे का सेवन न करें और किसी के साथ अभद्रता न करें।
प्लास्टिक के रंगों और पानी की अधिक बर्बादी से बचें।
होली के पावन पर्व पर शुभकामनाएँ!
यह होली आपके जीवन में खुशहाली, समृद्धि और प्रेम का रंग भर दे!
“बुरा न मानो होली है!”
आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!