20 मार्च 2025 गुरुवार पंचांग, शुभ मुहूर्त और विशेष महत्व

20 मार्च 2025 गुरुवार पंचांग, शुभ मुहूर्त और विशेष महत्व

20 मार्च 2025 गुरुवार पंचांग, शुभ मुहूर्त और विशेष महत्व

20 मार्च 2025 गुरुवार पंचांग, शुभ मुहूर्त और विशेष महत्व

आज का पंचांग 20 मार्च 2025 गुरुवार

होली के रंग अभी तक उतरे नहीं होते कि रंग पंचमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व खासतौर पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन, विशेष रूप से मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर गुलाल उड़ाकर, रंगों के माध्यम से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा को जागृत किया जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन का ज्योतिषीय और पंचांग के अनुसार भी विशेष महत्व है? आइए जानते हैं 20 मार्च 2025, गुरुवार के पंचांग की विस्तृत जानकारी.

दिन विशेष: गुरुवार, 20 मार्च 2025

विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
शक संवत – 1946, क्रोधी
पूर्णिमांत मास – चैत्र
अमांत मास – फाल्गुन

तिथि, नक्षत्र और करण

तिथि

  • कृष्ण पक्ष षष्ठी – 20 मार्च, 12:37 AM से 21 मार्च, 02:45 AM तक
  • कृष्ण पक्ष सप्तमी – 21 मार्च, 02:45 AM से 22 मार्च, 04:24 AM तक

नक्षत्र

  • अनुराधा – 19 मार्च, 08:50 PM से 20 मार्च, 11:31 PM तक
  • ज्येष्ठा – 20 मार्च, 11:31 PM से 22 मार्च, 01:45 AM तक

करण

  • गर – 20 मार्च, 12:37 AM से 01:44 PM तक
  • वणिज – 20 मार्च, 01:44 PM से 21 मार्च, 02:45 AM तक
  • विष्टि – 21 मार्च, 02:45 AM से 03:39 PM तक

शुभ और अशुभ मुहूर्त

शुभ काल

  • अभिजीत मुहूर्त – 12:10 PM – 12:58 PM
  • अमृत काल – 11:57 AM – 01:44 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त – 04:57 AM – 05:45 AM

अशुभ काल

  • राहु काल – 02:04 PM – 03:34 PM
  • यम गण्ड काल – 06:34 AM – 08:04 AM
  • गुलिक काल – 09:34 AM – 11:04 AM
  • दुर्मुहूर्त – 10:34 AM – 11:22 AM, 03:22 PM – 04:10 PM
  • वर्ज्यम् – 05:38 AM – 07:23 AM

सूर्य और चंद्रमा की स्थिति

सूर्योदय – 06:34 AM
सूर्यास्त – 06:34 PM
चंद्रोदय – 11:58 PM (20 मार्च)
चंद्रास्त – 10:37 AM (21 मार्च)

विशेष योग और ज्योतिषीय प्रभाव

शुभ योग

  • अमृतसिद्धि योग – 19 मार्च 08:50 PM – 20 मार्च 06:34 AM (अनुराधा और बुधवार)
  • सर्वार्थसिद्धि योग – 19 मार्च 08:50 PM – 20 मार्च 11:31 PM (अनुराधा और बुधवार)

गण्डमूल नक्षत्र

  • 20 मार्च 11:31 PM – 22 मार्च 01:45 AM (ज्येष्ठा नक्षत्र)

ग्रहों की स्थिति

सूर्य राशि – मीन
चंद्र राशि – वृश्चिक

रंग पंचमी का महत्व

रंग पंचमी होली के पांच दिन बाद मनाई जाती है और यह दिन शुभ योगों से भरपूर होता है। इस दिन को आध्यात्मिक शुद्धिकरण और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए जाना जाता है।

  • इस दिन किए गए पूजा-पाठ विशेष फलदायी होते हैं।
  • ज्योतिष के अनुसार, रंग पंचमी पर उड़ाए गए गुलाल से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • विशेष रूप से देवी-देवताओं को गुलाल और अबीर अर्पित करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है।
  • रंग पंचमी पर विशेष योगों का निर्माण इसे और अधिक मंगलकारी बनाता है।

निष्कर्ष

20 मार्च 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए अनुकूल है, विशेषकर अमृतसिद्धि योग और सर्वार्थसिद्धि योग के प्रभाव से यह दिन और भी शुभ बन जाता है। यदि आप किसी नए कार्य की शुरुआत करने की योजना बना रहे हैं, तो इस दिन के शुभ मुहूर्तों का ध्यान रखें।

रंग पंचमी पर रंगों में सराबोर होकर न केवल त्योहार का आनंद लें, बल्कि इसके आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व को भी समझें। यह सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा से भरने का दिन है!

आपको और आपके परिवार को रंग पंचमी की शुभकामनाएँ!


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *