3 अप्रैल 2025 गुरुवार का पंचांग: बृहस्पति ग्रह की कृपा और शुभ संयोग

आज का पंचांग 3 अप्रैल 2025 गुरुवार
3 अप्रैल 2025, गुरुवार का दिन विशेष रूप से बृहस्पति ग्रह के प्रभाव में रहेगा। गुरुवार को बृहस्पति ग्रह का शासन होता है, जो ज्ञान, धर्म, शिक्षा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन रोहिणी व्रत, यमुना छठ और षष्ठी व्रत जैसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान और पर्व मनाए जाएंगे। इसके अलावा, चंद्रमा का गोचर वृषभ से मिथुन राशि में होने जा रहा है, जो संचार, व्यापार और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करेगा। आइए जानते हैं इस दिन का विस्तृत पंचांग और इसके ज्योतिषीय प्रभाव।
3 अप्रैल 2025 का पंचांग
विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
शक संवत – 1947, विश्वावसु
पूर्णिमांत मास – चैत्र
अमांत मास – चैत्र
वैदिक ऋतु – वसंत
द्रिक ऋतु – वसंत
तिथि और नक्षत्र
तिथि:
- शुक्ल पक्ष षष्ठी – 2 अप्रैल, 11:50 PM से 3 अप्रैल, 09:41 PM तक
- शुक्ल पक्ष सप्तमी – 3 अप्रैल, 09:41 PM से 4 अप्रैल, 08:12 PM तक
नक्षत्र:
- रोहिणी – 2 अप्रैल, 08:49 AM से 3 अप्रैल, 07:02 AM तक
- मृगशीर्षा – 3 अप्रैल, 07:02 AM से 4 अप्रैल, 05:51 AM तक
- आर्द्रा – 4 अप्रैल, 05:51 AM से 5 अप्रैल, 05:20 AM तक
करण:
- कौलव – 2 अप्रैल, 11:50 PM से 3 अप्रैल, 10:41 AM तक
- तैतिल – 3 अप्रैल, 10:41 AM से 3 अप्रैल, 09:41 PM तक
- गर – 3 अप्रैल, 09:41 PM से 4 अप्रैल, 08:52 AM तक
शुभ और अशुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त:
- अभिजीत मुहूर्त – 12:05 PM – 12:54 PM
- अमृत काल – 09:28 PM – 10:59 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:44 AM – 05:32 AM
अशुभ मुहूर्त:
- राहु काल – 2:02 PM – 3:34 PM
- यमगंड काल – 6:20 AM – 7:53 AM
- गुलिक काल – 9:25 AM – 10:57 AM
- दुर्मुहूर्त – 10:27 AM – 11:16 AM, 03:22 PM – 04:11 PM
- वर्ज्यम् – 12:21 PM – 01:52 PM
सूर्य और चंद्रमा की स्थिति
सूर्योदय – 06:20 AM
सूर्यास्त – 06:39 PM
चंद्रोदय – 09:58 AM
चंद्रास्त – 12:20 AM
सूर्य राशि – मीन
चंद्र राशि – वृषभ से मिथुन (शाम 06:21 PM के बाद)
प्रमुख पर्व और व्रत
1. रोहिणी व्रत
यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे विशेष रूप से जैन धर्म के अनुयायी रखते हैं। इस दिन उपवास करने और विष्णु स्तोत्र का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
2. यमुना छठ
यमुना छठ पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत, खासकर मथुरा और वृंदावन में मनाया जाता है। यह पर्व मां यमुना की पूजा और उनके पवित्र जल में स्नान करने के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि इस दिन यमुना में स्नान करने से पापों का नाश होता है।
3. षष्ठी व्रत
षष्ठी तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन भगवती स्कंदमाता की पूजा की जाती है। संतान सुख और स्वास्थ्य के लिए यह व्रत उत्तम माना जाता है।
ज्योतिषीय योग और उनके प्रभाव
1. सर्वार्थसिद्धि योग
- यह योग 2 अप्रैल, 08:49 AM से 3 अप्रैल, 06:20 AM तक रहेगा।
- किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए यह उत्तम समय है।
- व्यापार और आर्थिक गतिविधियों में सफलता मिलने की संभावना अधिक होगी।
2. बृहस्पति का प्रभाव
- चूंकि यह गुरुवार को पड़ रहा है, जो बृहस्पति ग्रह का दिन होता है, इसलिए धार्मिक कार्यों, शिक्षा, वित्तीय निवेश और परामर्श से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिल सकता है।
- गुरु मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप करने से शुभ फल प्राप्त होंगे।
- इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना और चने की दाल का दान करना लाभकारी रहेगा।
3. चंद्रमा का राशि परिवर्तन
- शाम 06:21 PM के बाद चंद्रमा मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, जिससे संचार, व्यापार और यात्रा संबंधी कार्यों में गति आएगी।
- मिथुन राशि के जातकों के लिए यह दिन सतर्कता और धैर्य के साथ कार्य करने का रहेगा।
किन राशियों के लिए यह दिन शुभ रहेगा
शुभ राशियाँ:
- वृषभ – आर्थिक मामलों में प्रगति होगी।
- कर्क – धार्मिक कार्यों और आध्यात्मिकता में रुचि बढ़ेगी।
- धनु – करियर और शिक्षा में सफलता मिलेगी।
- मीन – कार्यस्थल पर सम्मान मिलेगा और नई योजनाओं की शुरुआत होगी।
सावधानी बरतें:
- मिथुन – अनावश्यक विवादों से बचें।
- तुला – महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें।
- मकर – वित्तीय लेन-देन में सतर्कता रखें।
3 अप्रैल 2025 को क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- भगवान विष्णु और माता यमुना की पूजा करें।
- जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
- धार्मिक कार्यों में सहभागिता बढ़ाएं।
- गुरु मंत्र और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
क्या न करें:
- राहु काल में कोई महत्वपूर्ण कार्य न करें।
- व्यापारिक सौदेबाजी में जल्दबाजी न करें।
- मिथुन और तुला राशि के जातक अनावश्यक बहस से बचें।
निष्कर्ष
3 अप्रैल 2025, गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह की कृपा से अत्यंत शुभ रहेगा। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए यह दिन अनुकूल है। रोहिणी व्रत, यमुना छठ और षष्ठी व्रत के प्रभाव से यह दिन सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करेगा। सर्वार्थसिद्धि योग के कारण यह दिन व्यापार, शिक्षा और धार्मिक गतिविधियों के लिए सर्वोत्तम रहेगा। बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए पीले वस्त्र धारण करें और चने की दाल का दान करें।
Leave a Reply