आज का पंचांग 17 अप्रैल 2025 गुरुवार

🌞 पंचांग – गुरुवार, 17 अप्रैल 2025
🪔 विशेष दिन: शुभ अभिजीत मुहूर्त, चंद्रमा वृश्चिक राशि में, गण्डमूल नक्षत्र प्रभावी
आज का दिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष ऊर्जा और सतर्कता का प्रतीक है। गुरुवार का दिन जहां बृहस्पति देव को समर्पित होता है, वहीं आज ज्येष्ठा नक्षत्र, गण्डमूल, और चतुर्थी-पंचमी की संधि इसे विशेष रूप से शक्तिशाली व आध्यात्मिक बनाती है।
🗓️ पंचांग विवरण
- वार: गुरुवार
- विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
- शक संवत: 1947, विश्वावसु
चंद्र मास:
- ऋतु: वसंत (वैदिक एवं द्रिक दोनों)
🔮 तिथि, नक्षत्र और योग
🔸 तिथि
- कृष्ण पक्ष चतुर्थी – दोपहर 03:23 PM तक
- तत्पश्चात कृष्ण पक्ष पंचमी आरंभ – अगले दिन 05:07 PM तक
🌼 पंचमी तिथि व्रत, साधना और पठन-पाठन के लिए उत्तम मानी जाती है।
🔸 नक्षत्र
- ज्येष्ठा नक्षत्र – सुबह 05:55 AM से अगले दिन 08:21 AM तक
⭐ यह नक्षत्र शक्ति, रहस्य और चतुराई का प्रतीक है। परंतु यह गण्डमूल नक्षत्र भी है, जिससे विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।
🔸 योग
- वरीयान योग – आधी रात 12:18 AM से अगले दिन 12:50 AM तक
यह योग ऊर्जा, प्रेरणा और विकास का कारक है। - तत्पश्चात परिघ योग आरंभ होगा – जो मनोबल और मानसिक द्वंद्व से जुड़ा होता है।
🔸 आनन्दादि योग
- कालदण्ड योग – आज प्रभावी है, जो मिश्रित फलदायक होता है। सतर्कता के साथ निर्णय लें।
🌅 सूर्य व चंद्र समय
- सूर्योदय: 06:08 AM
- सूर्यास्त: 06:44 PM
- चन्द्रोदय: 10:47 PM
- चन्द्रास्त: अगली सुबह 09:22 AM
🌕 चंद्र व सूर्य स्थिति
- सूर्य: मेष राशि में – आत्मविश्वास, जोश और नई ऊर्जा का संचार
- चंद्रमा: वृश्चिक राशि में – भावनात्मक गहराई, निर्णय में तीव्रता
🔯 शुभ व अशुभ काल
🚫 अशुभ काल
- राहुकाल: 02:00 PM – 03:35 PM
- यमगण्ड: 06:08 AM – 07:42 AM
- गुलिक काल: 09:17 AM – 10:51 AM
दुर्मुहूर्त:
- वर्ज्यम् काल: 12:05 PM – 01:51 PM
👉 इन समयों में महत्वपूर्ण कार्य न करें।
✅ शुभ काल
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:31 AM – 05:19 AM (साधना व ध्यान हेतु उत्तम)
- अभिजीत मुहूर्त: 12:01 PM – 12:51 PM (सर्वश्रेष्ठ शुभ समय)
- अमृत काल: 10:38 PM – 12:23 AM (रात्रि पूजन या विशेष क्रिया के लिए उत्तम)
🙏 ज्योतिषीय संकेत
🌕 गण्डमूल नक्षत्र प्रभावी
- ज्येष्ठा नक्षत्र आज सुबह 05:55 AM से शुरू हुआ है और गण्डमूल श्रेणी में आता है।
📿 गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशु व उनके परिवारों को विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
यदि आज जन्म हुआ हो, तो गण्डमूल शांति पूजन करना आवश्यक माना जाता है।
🌙 चन्द्राष्टम योग
- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका के पहले चरण वाले जातकों के लिए चन्द्राष्टम है – आज का दिन तनावपूर्ण या मनमाफिक न रह सकता है, ध्यान रखें।
🧘♂️ गुरुवार का विशेष महत्व
गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह को समर्पित होता है। यह दिन शिक्षा, ज्ञान, धर्म, गुरु भक्ति और विवाह योग के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
🪔 इस दिन क्या करें?
- बृहस्पति देव का पूजन करें
- पीली वस्तु का दान करें
- चने की दाल, पीली मिठाई या केले का भोग चढ़ाएं
- गुरु व ब्राह्मणों का सम्मान करें
🔚 निष्कर्ष
17 अप्रैल 2025 का दिन, आंतरिक ऊर्जा, भावनात्मक संतुलन और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है।
जहाँ एक ओर गण्डमूल नक्षत्र से सतर्कता आवश्यक है, वहीं अभिजीत मुहूर्त और अमृत काल आज के दिन को शुभ कार्यों के लिए उत्तम बना रहे हैं।
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