कालाष्टमी व्रत एवं 20 फरवरी 2025 का पंचांग

कालाष्टमी व्रत एवं 20 फरवरी 2025 का पंचांग

कालाष्टमी व्रत एवं 20 फरवरी 2025 का पंचांग

कालाष्टमी व्रत एवं 20 फरवरी 2025 का पंचांग

20 फरवरी 2025 का पंचांग

हिंदू धर्म में तिथियों, नक्षत्रों और योगों का विशेष महत्व होता है। 20 फरवरी 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन कालाष्टमी का व्रत पड़ रहा है। इस लेख में हम 20 फरवरी 2025 के पंचांग की विस्तृत जानकारी साझा कर रहे हैं, जिससे आप अपने दिन की योजना सही तरीके से बना सकें।

विक्रम संवत और शक संवत

विक्रम संवत – 2081 (पिंगल)

शक संवत – 1946 (क्रोधी)

पूर्णिमांत माह – फाल्गुन

अमांत माह – माघ

तिथि एवं करण

तिथियाँ

कृष्ण पक्ष सप्तमी – 19 फरवरी 07:32 AM से 20 फरवरी 09:58 AM तक

कृष्ण पक्ष अष्टमी – 20 फरवरी 09:58 AM से 21 फरवरी 11:58 AM तक

करण

बव – 19 फरवरी 08:48 PM से 20 फरवरी 09:58 AM तक

बालव – 20 फरवरी 09:58 AM से 20 फरवरी 11:02 PM तक

कौलव – 20 फरवरी 11:02 PM से 21 फरवरी 11:58 AM तक

नक्षत्र एवं योग

नक्षत्र

  • विशाखा – 19 फरवरी 10:39 AM से 20 फरवरी 01:30 PM तक
  • अनुराधा – 20 फरवरी 01:30 PM से 21 फरवरी 03:53 PM तक

योग

  • ध्रुव योग – 19 फरवरी 10:48 AM से 20 फरवरी 11:33 AM तक
  • व्याघात योग – 20 फरवरी 11:33 AM से 21 फरवरी 11:58 AM तक

वार एवं शुभ-अशुभ समय

वार

गुरुवार

अशुभ काल 20 फरवरी 2025 

राहु काल – 02:05 PM से 03:31 PM

यम गण्ड काल – 06:59 AM से 08:24 AM

कुलिक काल – 09:50 AM से 11:15 AM

दुर्मुहूर्त – 10:46 AM से 11:32 AM, 03:19 PM से 04:05 PM

वर्ज्यम् – 05:54 PM से 07:40 PM

शुभ मुहूर्त 20 फरवरी 2025 

अभिजीत मुहूर्त – 12:17 PM से 01:03 PM

अमृत काल – 04:26 AM से 06:11 AM

ब्रह्म मुहूर्त – 05:22 AM से 06:10 AM

कालाष्टमी व्रत का महत्व

कालाष्टमी हिंदू धर्म में भगवान भैरव की पूजा के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और रात में भगवान भैरव की आराधना करते हैं। इस व्रत को करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

कालाष्टमी पूजन विधि

  1. प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान भैरव का पूजन करें और उन्हें जल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  3. संध्या काल में भैरव चालीसा और कथा का पाठ करें।
  4. रात के समय भैरव मंत्र “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवाय नमः” का जाप करें।
  5. व्रत का पारण अगले दिन प्रातः करें।

ग्रह स्थिति एवं राशि फल

सूर्य राशि – कुंभ

चंद्रमा राशि – वृश्चिक (पूरा दिन और रात)

चंद्र अष्टम और प्रभावी राशियाँ

चंद्र अष्टम नक्षत्र के अनुसार इस दिन अश्विनी, भरणी और कृतिका प्रथम चरण के जातकों को सावधानी रखनी चाहिए।

शुभ योग एवं संयोग

सर्वार्थसिद्धि योग – 20 फरवरी 01:30 PM से 21 फरवरी 03:53 PM तक (अनुराधा नक्षत्र और गुरुवार का संयोग)

यह योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी रहेगा।

निष्कर्ष

20 फरवरी 2025 का दिन पंचांग की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, विशेषकर कालाष्टमी व्रत के कारण। इस दिन शुभ मुहूर्तों में धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने से विशेष लाभ मिलेगा। अगर आप किसी शुभ कार्य की योजना बना रहे हैं, तो सर्वार्थसिद्धि योग का लाभ अवश्य उठाएं।

आपका दिन शुभ हो! ॐ नमः शिवाय 🙏


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