आज का पंचांग 16 अप्रैल 2025 बुधवार

आज का पंचांग – बुधवार, 16 अप्रैल 2025
विशेष दिन: संकष्टी गणेश चतुर्थी, अमृतसिद्धि योग, सर्वार्थसिद्धि योग
आज का दिन कई दृष्टिकोणों से विशेष है। संकष्टी गणेश चतुर्थी जैसे पुण्य पर्व के साथ-साथ, आज के दिन अमृतसिद्धि योग और सर्वार्थसिद्धि योग जैसे अद्भुत शुभ योगों का संयोग बन रहा है। यह दिन संकल्प, सिद्धि और संकटों से मुक्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जा रहा है।
📅 पंचांग विवरण
- वार: बुधवार
- विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
- शक संवत: 1947, विश्वावसु
- चंद्र मास:
- अमांत प्रणाली: चैत्र
- पूर्णिमांत प्रणाली: बैशाख
- अमांत प्रणाली: चैत्र
- ऋतु: वसंत (वैदिक व द्रिक दोनों)
🕉️ तिथि, नक्षत्र और योग
🔸 तिथि
- कृष्ण पक्ष तृतीया – प्रातः 10:55 AM से दोपहर 01:17 PM तक
- तत्पश्चात कृष्ण पक्ष चतुर्थी – दोपहर 01:17 PM से अगले दिन 03:23 PM तक
🪔 संकष्टी गणेश चतुर्थी आज के दिन चंद्र दर्शन के साथ मनाई जाती है। यह व्रत विघ्नों को दूर करने और मनोकामना पूर्ति हेतु रखा जाता है।
🔸 नक्षत्र
- अनुराधा नक्षत्र – सुबह 03:10 AM से अगले दिन 05:55 AM तक
🌟 यह नक्षत्र भक्ति, अनुशासन और मित्रता का प्रतीक है।
🔸 योग
- व्यातीपात योग – 11:32 PM (15 अप्रैल) से 12:18 AM (17 अप्रैल) तक
- तत्पश्चात वरीयान योग प्रारंभ होगा
🔹 व्यातीपात विशेष फलदायी होता है, परंतु इसके प्रभावों को समझकर ही कोई कार्य आरंभ करें।
🔹 वरीयान योग में पराक्रम व ऊर्जा की वृद्धि देखी जाती है।
🔸 आनन्दादि योग
- सौम्य योग – 05:55 AM तक
- तत्पश्चात ध्वांक्ष योग प्रभावी होगा
🌅 सूर्य व चंद्र समय
- सूर्योदय: 06:09 AM
- सूर्यास्त: 06:44 PM
- चन्द्रोदय: 09:52 PM
- चन्द्रास्त: अगली सुबह 08:33 AM
🔯 चंद्र स्थिति
- आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में संचार कर रहा है
यह चंद्र स्थिति गंभीरता, भावनात्मक गहराई और रहस्यवादिता से जुड़ी होती है। ध्यान और तप हेतु अनुकूल।
📌 शुभ योग और विशेष संयोग
🌟 अमृतसिद्धि योग
- समय: 06:09 AM (Apr 16) – 05:55 AM (Apr 17)
- प्रभाव: यह योग किसी भी शुभ कार्य की सिद्धि हेतु सर्वोत्तम माना जाता है। विवाह, व्यापार आरंभ, नया घर, संपत्ति क्रय आदि के लिए आदर्श।
🌟 सर्वार्थसिद्धि योग
- समय: 06:09 AM (Apr 16) – 05:55 AM (Apr 17)
- प्रभाव: यह योग समस्त कार्यों में सफलता प्रदान करता है।
📢 विशेष बात: अनुराधा नक्षत्र और बुधवार के मेल से ये दोनों योग एक साथ बन रहे हैं, जो अत्यंत दुर्लभ और शुभ होता है।
🚩 अशुभ काल
- राहु काल: 12:26 PM – 02:01 PM
- यमगण्ड: 07:43 AM – 09:17 AM
- गुलिक काल: 10:52 AM – 12:26 PM
- दुर्मुहूर्त: 12:01 PM – 12:51 PM
- वर्ज्यम् काल: 07:37 AM – 09:24 AM
👉 इन समयों में नए कार्यों की शुरुआत से बचें।
🌸 शुभ काल
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:32 AM – 05:20 AM (साधना, ध्यान हेतु श्रेष्ठ)
- अमृत काल: 06:18 PM – 08:05 PM (किसी शुभ कार्य का शुभारंभ)
- अभिजीत मुहूर्त: ❌ आज उपलब्ध नहीं है
🌞 सूर्य की स्थिति
- सूर्य मेष राशि में स्थित है
यह स्थिति जोश, आत्मविश्वास और नई शुरुआत के लिए आदर्श मानी जाती है।
📿 व्रत और पर्व
🙏 संकष्टी गणेश चतुर्थी
- यह व्रत संकटों के विनाश और सुख-समृद्धि की कामना हेतु रखा जाता है।
- चंद्र दर्शन के बाद व्रत पूर्ण होता है।
- आज के दिन गणपति पूजन, दूर्वा अर्पण, और व्रत कथा का अत्यंत महत्व है।
⚠️ अन्य ज्योतिषीय संकेत
- चन्द्राष्टम:
- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका प्रथम चरण के जातकों के लिए चंद्राष्टम – मानसिक शांति में कमी हो सकती है।
- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका प्रथम चरण के जातकों के लिए चंद्राष्टम – मानसिक शांति में कमी हो सकती है।
- गण्डमूल नक्षत्र आरंभ (ज्येष्ठा):
- कल सुबह 05:55 AM से आरंभ – गर्भवती महिलाओं और नवजात के लिए विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है।
- कल सुबह 05:55 AM से आरंभ – गर्भवती महिलाओं और नवजात के लिए विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है।
🪔 निष्कर्ष
16 अप्रैल 2025, बुधवार का यह दिन शुभता, तपस्या और सिद्धि का संगम है।
जहाँ एक ओर संकष्टी चतुर्थी संकटों से मुक्ति का व्रत है, वहीं दूसरी ओर अमृतसिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग का मिलन इसे विशेष, प्रभावशाली और मनोकामना पूर्ति का दिन बनाता है।
🌿 इस दिन को उपयोग करें:
- आत्मबल बढ़ाने हेतु
- नए कार्यों की योजना हेतु
- गणेश पूजन और संकट नाशक संकल्प हेतु
🙏 श्री गणेशाय नमः
✨ “विघ्न विनाशक गणपति की कृपा से जीवन में मंगल ही मंगल हो।”
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