18 मार्च 2025 पंचांग: अंगारकी संकष्टी चतुर्थी और ज्योतिषीय विशेषताएँ

आज का पंचांग 18 मार्च 2025
सनातन धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। यह हमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और अन्य ज्योतिषीय घटनाओं की जानकारी प्रदान करता है। 18 मार्च 2025 का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन अंगारकी संकष्टी चतुर्थी का विशेष संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं इस दिन के पंचांग और शुभ-अशुभ समयों की संपूर्ण जानकारी।
विक्रम संवत और शक संवत
विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
शक संवत: 1946, क्रोधी
पूर्णिमांत मास: चैत्र
अमांत मास: फाल्गुन
तिथि एवं शुभ समय
कृष्ण पक्ष चतुर्थी: 17 मार्च, 07:33 PM से 18 मार्च, 10:09 PM तक
कृष्ण पक्ष पंचमी: 18 मार्च, 10:09 PM से 20 मार्च, 12:37 AM तक
नक्षत्र और करण
नक्षत्र:
- स्वाति – 17 मार्च, 02:47 PM से 18 मार्च, 05:51 PM तक
- विशाखा – 18 मार्च, 05:51 PM से 19 मार्च, 08:50 PM तक
करण:
- बव – 17 मार्च, 07:33 PM से 18 मार्च, 08:52 AM तक
- बालव – 18 मार्च, 08:52 AM से 18 मार्च, 10:09 PM तक
- कौलव – 18 मार्च, 10:09 PM से 19 मार्च, 11:25 AM तक
योग
व्याघात योग: 17 मार्च, 03:45 PM से 18 मार्च, 04:43 PM तक
हर्षण योग: 18 मार्च, 04:43 PM से 19 मार्च, 05:37 PM तक
वार एवं ज्योतिषीय विशेषताएँ
वार: मंगलवार (भगवान हनुमान और गणेशजी की पूजा के लिए श्रेष्ठ)
सूर्य राशि: मीन
चंद्र राशि: तुला (पूरा दिन-रात)
सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय: 06:36 AM
सूर्यास्त: 06:33 PM
चंद्रोदय: 18 मार्च, 10:08 PM
चंद्रास्त: 19 मार्च, 09:10 AM
अशुभ काल (इन समयों में शुभ कार्य न करें)
राहु काल: 03:34 PM – 05:03 PM
यम गण्ड: 09:35 AM – 11:05 AM
गुलिक काल: 12:34 PM – 02:04 PM
दुर्मुहूर्त: 08:59 AM – 09:47 AM, 11:22 PM – 12:10 AM
वर्ज्यम्: 12:09 AM – 01:57 AM
शुभ मुहूर्त (सकारात्मक कार्यों के लिए उत्तम समय)
अभिजीत मुहूर्त: 12:10 PM – 12:58 PM
अमृत काल: 08:16 AM – 10:04 AM
ब्रह्म मुहूर्त: 04:59 AM – 05:47 AM
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी का महत्व और पूजन विधि
18 मार्च 2025 को अंगारकी संकष्टी चतुर्थी का विशेष संयोग बन रहा है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है और इसे करने से सभी विघ्न-बाधाओं का नाश होता है।
पूजन विधि:
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- गणपति का जल, दूध, और पंचामृत से अभिषेक करें।
- गणेशजी को दूर्वा, मोदक और सिंदूर अर्पित करें।
- “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- संध्या के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
ज्योतिषीय उपाय और दिन के विशेष कार्य
भगवान गणेश की पूजा करें – इस दिन गणपति बप्पा का पूजन करने से बाधाएं दूर होती हैं।
हनुमानजी की आराधना करें – मंगल दोष निवारण के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
लाल रंग का वस्त्र धारण करें – यह दिन मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे लाल रंग धारण करना शुभ रहेगा।
मंत्र जाप करें – “ॐ गं गणपतये नमः” और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गंग गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा” का जाप करें।
दान करें – गरीबों को भोजन, वस्त्र और तिल दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
इन कार्यों से बचें:
- इस दिन नकारात्मक विचारों और गुस्से से बचें।
- मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- किसी का अपमान न करें और क्रोध पर नियंत्रण रखें।
निष्कर्ष
18 मार्च 2025 को अंगारकी संकष्टी चतुर्थी और मंगलवार का महासंयोग बन रहा है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा और व्रत करने से सभी संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शुभ मुहूर्त में पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।