31 मार्च 2025 सोमवार  पंचांग: गौरी पूजा, झूलेलाल जयंती और मत्स्य जयंती का शुभ दिन

 31 मार्च 2025 सोमवार  पंचांग: गौरी पूजा, झूलेलाल जयंती और मत्स्य जयंती का शुभ दिन

 31 मार्च 2025 सोमवार  पंचांग: गौरी पूजा, झूलेलाल जयंती और मत्स्य जयंती का शुभ दिन

 31 मार्च 2025 सोमवार  पंचांग: गौरी पूजा, झूलेलाल जयंती और मत्स्य जयंती का शुभ दिन

आज का पंचांग 31 मार्च 2025 सोमवार

31 मार्च 2025, सोमवार का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन गौरी पूजा (गणगौर पूजा), झूलेलाल जयंती और मत्स्य जयंती जैसे प्रमुख व्रत एवं पर्व मनाए जाएंगे। इसके अलावा, सोमवार व्रत भी विशेष रूप से किया जाता है।

इस दिन चंद्रमा मेष राशि में संचार करेगा, जो ऊर्जा, साहस और नए अवसरों का प्रतीक है। साथ ही, विष्कुम्भ योग और सर्वार्थसिद्धि योग इस दिन को और भी शुभ बनाते हैं। आइए जानते हैं इस दिन का विस्तृत पंचांग, शुभ मुहूर्त और ज्योतिषीय महत्व।

📅 31 मार्च 2025 का पंचांग

  • 🔹 विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
  • 🔹 शक संवत – 1947, विश्वावसु
  • 🔹 पूर्णिमांत मास – चैत्र
  • 🔹 अमांत मास – चैत्र
  • 🔹 वैदिक ऋतु – वसंत
  • 🔹 द्रिक ऋतु – वसंत

🌕 तिथि एवं नक्षत्र

तिथि:

  • शुक्ल पक्ष द्वितीया – 30 मार्च, 12:49 PM से 31 मार्च, 09:11 AM तक
  • शुक्ल पक्ष तृतीया (क्षय तिथि) – 31 मार्च, 09:11 AM से 1 अप्रैल, 05:42 AM तक
  • शुक्ल पक्ष चतुर्थी – 1 अप्रैल, 05:42 AM से 2 अप्रैल, 02:32 AM तक

नक्षत्र:

  • अश्विनी (गण्डमूल नक्षत्र) – 30 मार्च, 04:35 PM से 31 मार्च, 01:45 PM तक
  • भरणी – 31 मार्च, 01:45 PM से 1 अप्रैल, 11:06 AM तक

करण:

  • कौलव – 30 मार्च, 11:00 PM से 31 मार्च, 09:11 AM तक
  • तैतिल – 31 मार्च, 09:11 AM से 31 मार्च, 07:25 PM तक
  • गर – 31 मार्च, 07:25 PM से 1 अप्रैल, 05:42 AM तक

🕉️ शुभ और अशुभ मुहूर्त

✅ शुभ मुहूर्त:

  • अभिजीत मुहूर्त – 12:06 PM – 12:55 PM
  • अमृत काल – 07:24 AM – 08:48 AM
  • ब्रह्म मुहूर्त – 04:46 AM – 05:34 AM

❌ अशुभ मुहूर्त:

  • राहु काल – 07:55 AM – 09:27 AM
  • यम गण्ड काल – 10:59 AM – 12:31 PM
  • गुलिक काल – 02:02 PM – 03:34 PM
  • दुर्मुहूर्त – 12:55 PM – 01:44 PM, 03:22 PM – 04:11 PM
  • वर्ज्यम् – 10:13 AM – 11:38 AM, 10:17 PM – 11:42 PM

🌞 सूर्य और चंद्रमा की स्थिति

  • सूर्योदय – 06:23 AM
  • सूर्यास्त – 06:38 PM
  • चंद्रोदय – 07:26 AM
  • चंद्रास्त – 08:56 PM
  • सूर्य राशि – मीन
  • चंद्र राशि – मेष (पूरा दिन और रात)

🔮 ज्योतिषीय योग और प्रभाव

🛕 गौरी पूजा (गणगौर पूजा) और झूलेलाल जयंती का महत्व

🔹 गौरी पूजा (गणगौर पूजा):
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विशेष रूप से मनाई जाने वाली यह पूजा माँ गौरी और भगवान शिव को समर्पित होती है। विवाहित महिलाएँ सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएँ मनचाहा वर पाने के लिए माँ पार्वती की आराधना करती हैं।

🔹 झूलेलाल जयंती:
यह सिंधी समुदाय का प्रमुख पर्व है, जो भगवान झूलेलाल (वरुण देव) के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन जल देवता की विशेष पूजा की जाती है, जल में नारियल अर्पित किया जाता है और बहिराणा साहिब यात्रा निकाली जाती है।

🔹 मत्स्य जयंती:
भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, मत्स्य अवतार की जयंती इस दिन मनाई जाती है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और विष्णु सहस्रनाम के पाठ का विशेष महत्व होता है।

✨ गण्डमूल नक्षत्र का प्रभाव:

इस दिन सुबह 01:45 PM तक अश्विनी नक्षत्र रहेगा, जो गण्डमूल नक्षत्र में आता है।
🔹 जिनका जन्म गण्डमूल नक्षत्र में हुआ है, उन्हें विशेष पूजा कराने की सलाह दी जाती है।

📿 शुभ योग:

  • सर्वार्थसिद्धि योग – 30 मार्च, 04:35 PM से 31 मार्च, 06:23 AM तक रहेगा।
  • विष्कुम्भ योग – 31 मार्च, 01:45 PM से 1 अप्रैल, 09:47 AM तक रहेगा।

🌓 चंद्रमा का राशि प्रभाव:

चूँकि चंद्रमा पूरे दिन मेष राशि में रहेगा, इसका प्रभाव निम्नलिखित राशियों पर पड़ेगा:

  • मेष, सिंह, और धनु राशि वालों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ रहेगा।
  • वृषभ, कन्या, और मकर राशि वालों को धैर्य रखना चाहिए और सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए।
  • मिथुन, तुला, और कुंभ राशि वालों के लिए यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए अच्छा है।

🌿 31 मार्च 2025 को क्या करें और क्या न करें?

✅ क्या करें?
✔ गौरी पूजा और गणगौर व्रत करें, माँ गौरी की कृपा प्राप्त होगी।
✔ भगवान झूलेलाल की पूजा करें और जल में नारियल अर्पित करें।
✔ मत्स्य जयंती के अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा करें।
✔ सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें।
✔ अभिजीत मुहूर्त में नए कार्यों की शुरुआत करें।

❌ क्या न करें?
❌ राहु काल में कोई नया कार्य न करें।
❌ गण्डमूल नक्षत्र के समय महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।
❌ क्रोध और विवाद से बचें, क्योंकि सोमवार का दिन शांति और ध्यान का दिन होता है।

🔆 निष्कर्ष

31 मार्च 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है। इस दिन गौरी पूजा (गणगौर), झूलेलाल जयंती और मत्स्य जयंती जैसे महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाएंगे। साथ ही, चंद्रमा का प्रभाव और शुभ योग नए कार्यों के लिए अनुकूल बनाते हैं।

आप सभी को गौरी पूजा, झूलेलाल जयंती और मत्स्य जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🙏


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