भारत ने iPhone के मामले में चीन को पीछे छोड़ा

भारत ने iPhone के मामले में चीन को पीछे छोड़ बनाया रिकॉर्ड, जानिए कैसे!

iPhone बनाने वाली ज़्यादातर फैक्ट्रियां दक्षिण भारत में हैं। इसके अलावा टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियां भी एप्पल के लिए काम कर रही हैं।

एक समय था जब iPhone का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में चीन का नाम आता था क्योंकि ज्यादातर फोन यहीं बनते थे, लेकिन अब खेल बदल गया है। भारत ने iPhone निर्माण में मजबूत पकड़ बना ली है और अब स्थिति यह है कि हर 5 में से 1 iPhone भारत में बन रहा है।

22 अरब डॉलर का iPhone, वो भी एक साल में!

पिछले साल के मुकाबले भारत में iPhone बनाने में 60% का जबरदस्त उछाल आया है. सिर्फ एक साल में भारत ने 22 अरब डॉलर के iPhones बना दिए.  ये आंकड़ा अपने आप में बहुत कुछ कहता है. यानी अब Apple भी मान चुका है कि भारत सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग का अगला सुपरस्टार है.

सबसे ज़्यादा काम साउथ इंडिया में हो रहा है

iPhone बनाने की ज़्यादातर फैक्ट्रियां दक्षिण भारत में हैं. खासकर फॉक्सकॉन की बड़ी यूनिट्स. इसके अलावा टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियां भी Apple के लिए काम कर रही हैं और सबसे दिलचस्प बात ये है कि अब भारत में iPhone के हाई-एंड टाइटेनियम मॉडल्स भी असेंबल हो रहे हैं.

चीन इस मामले में क्यों पिछड़ रहा?

असल में इस पूरी कहानी की शुरुआत हुई अमेरिका और चीन की खींचतान से. अमेरिका ने चीन से आने वाले कई प्रोडक्ट्स पर भारी टैरिफ (ड्यूटी टैक्स) लगा दिए, जिससे Apple को नुकसान होने लगा. ऐसे में Apple ने सोचा, क्यों न चीन से हटकर किसी ऐसे देश में शिफ्ट हुआ जाए जहां टैक्स भी कम लगे और माहौल भी अनुकूल हो? और फिर एंट्री हुई भारत की.

निर्यात में भी भारत की धमाकेदार एंट्री

भारत में बने iPhones अब सिर्फ भारत में नहीं बिक रहे, बल्कि विदेशों में भी धड़ल्ले से एक्सपोर्ट हो रहे हैं. मार्च 2025 तक करीब 17.4 अरब डॉलर (यानि 1.5 ट्रिलियन रुपये) के iPhones भारत से एक्सपोर्ट हो चुके हैं. यानी ‘मेड इन इंडिया’ अब ग्लोबली बिक रहा है!

कोविड ने जो शुरुआत करवाई, वो अब रफ्तार पकड़ चुकी है

इससे पहले ऐपल ने भारत में iPhone बनाने में तेजी कोविड के समय में दिखाई थी. उस वक्त कई कंपनियों ने चीन से भारत का रुख किया था. दरअसल कोरोना काल के दौरान चीन को लॉकडाउन, सप्लाई चेन में गड़बड़ी जैसी तमाम अर्चनों का सामना करना पड़ा था. जिससे इस देश की हालत बिगड़ गई थी. तभी से Apple ने भारत में काम तेज कर दिया. फिर जब अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाया, तो Apple का भरोसा और बढ़ गया. अब तो Apple के लिए भारत एक मजबूत ऑप्शन बन गया है.

कौन बना रहा है भारत में iPhone?

भारत में iPhone बनाने का सबसे बड़ा केंद्र फॉक्सकॉन (Foxconn) की फैक्ट्री है, जो दक्षिण भारत में स्थित है। इसके अलावा टाटा समूह ने विस्ट्रॉन (Wistron) की यूनिट खरीद ली है और अब पेगाट्रॉन (Pegatron) के काम को भी संभाल रहा है।

Apple को मिल रही है भारत सरकार से मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया योजना और सरकार की सब्सिडी स्कीमों से भी Apple को भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने में मदद मिली है। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के लिए नई ₹22,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना भी पेश की है और अब वह सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा दे रही है।

हालांकि Apple ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ाई है, लेकिन अभी उसकी सप्लाई चेन का बड़ा हिस्सा चीन पर ही निर्भर है। करीब 200 से ज्यादा सप्लायर्स अभी भी चीन में हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल को अपनी सिर्फ 10% प्रोडक्शन क्षमता चीन से हटाने में भी 8 साल तक का समय लग सकता है।

भारत के स्मार्टफोन बाजार में Apple की हिस्सेदारी अभी लगभग 8% है, लेकिन वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की बिक्री करीब ₹66,000 करोड़ ($8 अरब) तक पहुंच गई है, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान iPhone का रहा।